Not known Details About Shiv chaisa
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
Regardless of a single’s social position or authority, By reciting this, they attain purity and victory. Even those who are childless and yearning for wants, Will definitely acquire blessings through the grace of Lord Shiva.
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
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भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥